झारड़ा में मुख्य मार्ग पर शराब दुकान को हटाने के लिए किसान नेता श्यामलाल जोकचंद के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर करीब 7 घंटे तक धरना दिया व नारेबाजी की. जोकचन्द ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे रहे और शराब माफियाओं को जमकर कोसा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार शराब माफिया से मिली हुई है और ग्रामीणों के हितों के साथ कुठाराघात हो रहा है. शासन प्रशासन शराब माफिया के सामने नतमस्तक है. उल्लेखनीय है कि मल्हारगढ़ का छोटा सा गाँव झारड़ा जहाँ कभी संस्कारों की मजबूत जड़ें थीं, अब अपनी इज्जत बचाने की जंग लड़ रहा है. यह जंग किसी राजनीतिक मुद्दे की नहीं, बल्कि गाँव की अस्मिता और महिलाओं की सुरक्षा की है.
बता दे कि झारड़ा के लोगों ने प्रशासन से बार-बार अपील की कि इस दुकान को हटाया जाए, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. कलेक्टर के नाम सौपे ज्ञापन में बताया कि ग्राम झारड़ा मे पूर्व मे मनासा-नारायणगढ रोड़ से करीब 50 मीटर से ज्यादा दूरी पर हरमाला रोड़ पर शराब दुकान संचालित थी. 1 अप्रैल से शराब दुकान नगर के मुख्य बस स्टैंड और आबादी क्षेत्र में शुरू कर दी है, जैसे ही रहवासियों को इसकी खबर लगी तो विरोध शुरू कर दिया ओर धरने पर बैठ गये, मौके पर प्रशासन पहुंचा ओर अस्थाई रूप से शराब की दुकान बंद करवाई ओर 24 घंटो शराब की दुकान बस स्टैंड झार्डा से हटावाने का आश्वासन दिया.
ग्राम झार्डा बस स्टैंड से आसपास के काफी गांव लगे हुए होकर ट्राफीक भी काफी ज्यादा लगा हुआ रहता हैं, तथा झार्डा बस स्टैंडसे कित्तुखेडी, हरमाला, अनुपपुरा, गोपालपुरा आदि गांवो का रास्ता भी जाता हैं, इससे भी दुर्घटनाये होती है. तत्काल शराब की दुकान बस स्टेण्ड क्षेत्र से हटाई जावें तथा ग्रामीण क्षेत्र से 1 किलोमीटर दूर लगाई जावें. तत्काल शराब दुकान नही हटाई गई तो ग्रामवासी आंदोलन व चक्काजाम करने को बाध्य हो जायेंगे जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की रहेगी.
इस अवसर पर किसान नेता कमलेश पटेल, जयेश सालवी, शयमलाल लकुम, महेश गुप्ता, दिनेश गुप्ता, राहुल किथिरिया, महेश गुप्ता, ईशु धनगर, बलवंत गुर्जर, मुन्ना भाई पठान, मुकन बावरी, राजू खान, अमजद बेग, अशोक मेघवाल, धापूबाई, पप्पू बही आदि मौजूद रहे.