मध्य प्रदेश की मल्हारगढ़ विधानसभा से कांग्रेस नेता और किसान नेता के रूप में पहचाने जाने वाले श्यामलाल जोकचंद्र ने जानकारी दी कि आज उनके नेट शेड हाउस पर उज्जैन, मंदसौर और मल्हारगढ़ की संयुक्त टीम ने निरीक्षण किया। इस अवसर पर संरक्षित खेती की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस दौरान श्यामलाल जोकचंद्र ने टीम को नेट शेड हाउस की कार्यप्रणाली और इससे फसल उत्पादन में होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि संरक्षित खेती न केवल फसलों को मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाती है, बल्कि कीटों और रोगों पर भी नियंत्रण रखती है। इसके साथ ही, इस तकनीक के माध्यम से फसल की गुणवत्ता में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि की संभावना बढ़ती है।
निरीक्षण के दौरान टीम के सदस्यों ने संरक्षित खेती के लाभों को समझते हुए इसे अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया। किसानों और कृषि विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा करते हुए इसे एक आधुनिक और प्रभावी तकनीक बताया, जो संसाधनों की बचत के साथ उत्पादन में स्थिरता ला सकती है।
श्यामलाल जोकचंद्र ने इस अवसर पर कहा कि संरक्षित खेती के माध्यम से प्रदेश के किसानों को उन्नत तकनीक का लाभ मिलेगा और उनकी मेहनत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उनके नेतृत्व में यह प्रयास कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्यामलाल जोकचंद्र समाज और देश के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं, लेकिन दिल से आज भी वह एक साधारण किसान हैं, जिसे अपने खेतों और अपनी भूमि से स्नेह है। वह मानते हैं कि एक किसान ही वास्तव में देश की प्रगति का सबसे मजबूत आधारस्तंभ है और किसान होने के नाते वह किसानों की समस्याओं को उचित रूप से समझते भी हैं।
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन होने से रोजमर्रा की अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ साथ गौवंश के चारे के लिए भी संकट उत्पन्न हो गया है। खुद किसानों ...
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