झारड़ा नदी में डूबे बालक का दूसरे दिन भी पता नही चला तो ग्रामीणजन आक्रोशित हो गए। सोमवार सुबह प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र के साथ ग्रामीणों ने पिपलिया-मनासा मार्ग पर स्थित झारड़ा पुलिया पर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे तक लगे जाम से दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। कांग्रेस नेताओं व ग्रामीणों का आरोप था कि रविवार शाम बालक डूबा था, लेकिन प्रशासन बालक का शव नही निकलवा पाया, गोताखोर की टीम भी पानी में नही उतरी, केवल नाव में बैठकर घूम रही है। जाम की सूचना पर एसडीएम, तहसीलदार सहित पुलिस अधिकारी मौके पहुंचे व जाम खुलवाने के लिए निवेदन करते रहे। बाद में एसडीएम ने 4 लाख रुपए लाश मिलने के बाद परिजनों को देने व छह लाख रुपए का प्रपोजल प्रदेश शासन को भिजवाने आश्वासन दिया, तब जाकर चक्काजाम समाप्त हुआ। ग्रामीणों की मांग पर नदी का पानी खाली करने के लिए झारड़ा नदी का स्टापडेम की पाल भी पोकलेन से तुड़वाई।
यह था मामला:-
जानकारी के अनुसार 14 नवम्बर को शाम चार बजे करीब नदी में भैंस के साथ आते समय झारड़ा निवासी 15 वर्षीय बालका विकास पिता गोपाल गायरी डूब गया था, साथ में उसका चचेरा भाई रवि पिता जीवन गायरी भी था, जो तैरकर बाहर आ गया। सूचना पर शाम को तहसीलदार वन्दना हरित व झारड़ा चोकी प्रभारी संदीप मौर्य घटनास्थल पहुंचे, देर रात्रि मन्दसौर से गोताखोर की टीम भी पहुंची, करीब दो घंटे तक टीम नाव में बैठकर घूमकर देखते रहे, लेकिन बालक नही दिखा। चचेरे भाई रवि ने आशंका जताई थी कि नदी में उसका पैर किसी जलीय जीवजन्तु ने पकड़ा था, संभावना है कि मगर विकास को मगरमच्छ या अन्य कोई जलीय जीवजन्तु खींच ले गया। दो घंटे चला रेस्क्यू रात को दस बजे बन्द कर दिया।
सुबह ग्रामीण उतरे नदी में:-
सुबह 7 बजे पुनः बालक को तलाशने के प्रयास शुरु हो गए। करीब 40 से 50 ग्रामीणजन बालक को तलाशने के लिए नदी में उतरे, लेकिन वह नही मिला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गोताखोर की टीम आई, लेकिन टीम के लोग केवल नाव में बैठकर घूमते रहे, कोई भी गोताखोर पानी में नही उतरा। जबकि ग्रामीण पानी में तैरकर बालक को ढूँढने का प्रयास करते रहे। जब प्रशासन बालक को ढूँढने का प्रयास नही करते दिखा तो ग्रामीणजन आक्रोशित हो गए।
कांग्रेस नेता जोकचन्द्र ने किया चक्काजाम:-
सोमवार 10.30 बजे करीब ग्रामीणजन पिपलिया-मनासा मार्ग झारड़ा पुलिया पर चक्काजाम कर दिया। सूचना पर कुछ देर बाद पहुंचे प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचन्द्र भी चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों के साथ बैठ गए। बाद में ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरु कर दी। मामला बढता देख 11.30 बजे करीब झारड़ा के अलावा पिपलिया, नारायणगढ़, मल्हारगढ़, नाहरगढ़ से भी थाना प्रभारी व पुलिस बल घटनास्थल पहुंचा। लेकिन ग्रामीणजन जाम खोलने के लिए राजी नही थे। उनका कहना था कि बालक के शव को निकलवाया जाए और परिजनों को आर्थिक सहायता की घोषणा की जाए।
एसडीएम ने दिया आश्वासन:-
दोपहर 12 बजे करीब एसडीएम रोशनी पाटीदार, तहसीलदार वन्दना हरित आदि मौके पर पहुंचे व समझाइश देकर कहा कि चक्काजाम खोले, प्रशासन बालक को निकलवाने का प्रयास कर रहा है, जो भी मदद होगी परिजनों को प्रशासन करेगा। लेकिन कांग्रेस नेता व ग्रामीणजन नही माने। काफी देर तक बहस चलती रही। जोकचन्द्र ने आरोप लगाया कि जहरीली शराब से मृत लोगों के परिजनों को प्रशासन ने 10 लाख रुपए देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज दिन तक परिजनों को एक रुपया भी नही मिला। जोकचन्द्र ने एसडीएम से कहा कि आपका तबादला धार हो चुका है, क्या भरोसा कि परिजनों को सहायता राशि मिल जाएगी। काफी देर तक बहस के बाद एसडीएम ने लाश मिलने के बाद परिजनों को 4 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने व 6 लाख रुपए का प्रपोजल सरकार को भिजवाने का भरोसा दिया। साथ ही ग्रामीणों ने यह भी मांग की कि शव को ढूँढने के लिए नदी का पानी खाली करने के लिए स्टाप डेम की पाल तोड़ी जाए। कुछ देर बाद पोकलेन मशीन बुलवाकर पाल का तुड़वाया व पानी खाली कराया। मांगें मनाने के बाद 12.30 बजे चक्काजाम समाप्त कर दिया। इस अवसर पर आनन्द हुपेल, गणपत पंवार, दिनेश गुप्ता, सुनील पाटीदार, राजेश भारती, राहुल कीथिरिया, कचरुलाल कीथिरिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
कॉंग्रेस नेता श्यामलाल जोकचन्द्र व एसडीएम रोशनी पाटीदार के साथ हुई बहस:-
एसडीएम - चक्काजाम खोलो, जितनी ज्यादा बहस करोगे, उतना ज्यादा लेट होंगे।
कांग्रेस नेता - बहस वाली बात नही। डूबे बालक के पिता भी नही है, आर्थिक सहायता की घोषणा करो, हम तो उठ जाएंगे।
एसडीएम - हम डूबे बालक को निकाले का प्रयास कर रहे है, मुझे पता है कि कौन कितना प्रयास कर रहा है।
कांग्रेस नेता - प्रयास नही हो रहे है, गोताखोर की टीम नाव में बैठकर सैर-सपाटे कर रही है।
एसडीएम - एडीएम साहब आरपी वर्मा आ रहे हैं, वह आर्थिक सहायता की घोषणा करेंगे।
कांग्रेस नेता - एसडीएम वर्मा ने जहरीली शराबकांड में मृत लोगों के परिजनों को भी सहायता देने की घोषणा की थी, आज दिन तक नही मिली। सहायता मिल जाएगी, इसका क्या भरोसा?
एसडीएम - नियमानुसार परिजनों को राशि मिलेगी।
कांग्रेस नेता - आपका नियम क्या है, कम से कम 10 लाख रुपए की सहायता परिजनों को दी जाए, आप सीएम से बात करो।