किसान नेता श्यामलाल जोकचन्द्र जी ने कहा कि “कलेक्टर साहिबा किसानों की पीड़ा को भ्रामक बता रही हैं, यह सीधा किसान का अपमान है, सरकार बीमा और मुआवजा देने से बचना चाहती है”. मंदसौर जिला प्रशासन एक बार फिर किसान आंदोलन कराने के लिए किसानों को उकसा रहा है. कलेक्टर द्वारा सोयाबीन फसल को लेकर सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट से यही अंदाजा लगता है. हालांकि कलेक्टर ने किसानों के विरोध के बाद सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट को डिलिट कर फिर नई पोस्ट अपलोड कर दी कि सर्वे चल रहा है. लेकिन इससे प्रशासन व शासन की मंशा सामने आ गई कि मुआवजा व बीमा देने में सरकार की मंशा नही है. कलेक्टर भाजपा नेताओं व जनप्रतिनिधियों के इशारों पर किसानों का अहित करने के लिए तुली हुई है.
जोकचन्द्र जी ने कहा कि मंदसौर कलेक्टर अदिति गर्ग ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट डाली, जिसमें लिखा गया कि “सोयाबीन फसल पीला मोजेक रोग से पूर्णतः नष्ट होने की खबरें भ्रामक हैं.” इस पोस्ट में कृषि विभाग का हवाला दिया गया कि पूरे जिले की फसल नष्ट नहीं हुई है, केवल कुछ स्थानों पर कीट व बीमारी का असर है। कलेक्टर की इस पोस्ट ने किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँचा दिया है। सोशल मीडिया पर कलेक्टर को जमकर ट्रोल किया गया, किसानों ने खुले शब्दों में खरी-खोटी सुनाई. मजबूरी में देर शाम कलेक्टर ने पोस्ट डिलीट कर दी और नया संदेश जारी किया कि सर्वे चल रहा है. लेकिन “पोस्ट हटाने से सच नहीं छुपेगा, किसानों के साथ अन्याय हो रहा है.”
जोकचन्द्र जी ने कलेक्टर की इस पोस्ट को किसान विरोधी बताते हुए कहा, “इस दुनिया में किसान ही दिन-रात मेहनत करता है, मौसम की मार झेलता है, लागत से भी कम मूल्य पाता है और फिर भी चुपचाप जीवन बिता देता है. लेकिन मंदसौर कलेक्टर साहिबा किसानों के इस दुख को समझने की बजाय उनकी बर्बाद फसल को लेकर भ्रामक बयानबाजी कर रही हैं. यह किसानों का सीधा अपमान है.”