मध्य प्रदेश से काँग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचंद्र सहित अन्य काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंदसौर जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगमन पर कांग्रेस ने काले झंडे दिखाए और प्रदर्शन करते हुए जैसे ही गांधी चौराहा पहुंचे तो मंदसौर पुलिस प्रशासन द्वारा कांग्रेस नेता शामलाल जोकचंद्र, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक खिंची पिपलिया मंडी, जिला पिछड़ा प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष भुपेंद्र महावर, मल्हारगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी पूर्व महामंत्री मनोहर सोनी, मल्हारगढ़ ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष सुनिल दिवानीया, एनएसयूआई पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश पाटिदार, आईटी सेल प्रदेश महासचिव राजेश भारती, धुंधडका ब्लॉक कांग्रेस प्रवक्ता सावन मकवाना पाल्या मारु, जिला पिछड़ा प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश नाई पार्षद मंदसौर, वसीम खान, शैलेंद्र जोशी, माझीद भाई, वर्धमान मंडल अध्यक्ष दशरथ सिंह राठौर आदि कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पिपलिया थाने सहित जिले के विभिन्न थानों में गिरफ्तार कर भेज दिया।
पिपलिया थाने में भी सभी काँग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। थाने में "गद्दार सिंधिया वापस जाओ", "शिवराज डरता है, पुलिस को आगे करता है", "पुलिस की तानाशाही नहीं चलेगी", "किसानों को धोखा देने वाले सिंधिया वापस जाओ", "धोखेबाज गद्दार सिंधिया", "काँग्रेस जिंदाबाद", "जय जवान, जय किसान", "सिंधिया गद्दार वापस जाओ", "काँग्रेस के दीवाने कहां चले, शिवराज की जेल में" आदि नारे गुंजते रहे। इस दौरान श्यामलाल जोकचन्द्र ने अपनी बात रखते हुए कहा,
"मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर गद्दार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार को करोड़ों रुपये लेकर गिरा दिया, जिससे जनता में आक्रोश है। जब 6 जून,2017 को मंदसौर में किसान आंदोलन हुआ था और शिवराज सरकार के इशारों पर किसान भाइयों की हत्या की गई थी, उन्हें घायल कर दिया गया था, तब इन्हीं सिंधिया ने माननीय राहुल गांधी के साथ आकर कहा था कि शिवराज सिंह चौहान तेरे हाथ अन्नदाताओं के खून से सने हुए है। अब समझ नहीं आता कि शिवराज चौहान ऐसी कौन सी डिटॉल की साबुन से हाथ धोकर आए, जो अब उनके खून के दाग साफ हो गए। ज्योतिरादित्य सिंधियाँ ने किसान आंदोलन के समय शहीद किसानों के स्मारकों पर जाकर बड़ी बड़ी डींगें हाँकी थी और घड़ियाली आँसू बहाए थे। वही अब शहीद अभिषेक पाटीदार के सामने से होकर गुजरते हैं लेकिन दो मिनट रुककर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित नहीं कर सकते, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं देखता हूँ कि सिंधिया परिवार का तो इतिहास ही हमेशा से गद्दारी का ही रहा है। जब देश में झांसी की रानी ने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में बिगुल बजाया, उन्हें सिंधियाँ के परदादा ने गद्दारी कर मरवाया था, जो सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता की पंक्तियाँ भी बताती हैं कि "अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी..मार काट कर रानी आगे बढ़ी किया ग्वालियर पर किया अधिकार खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।" ऐसे गद्दार खानदान के व्यक्ति के पोते ने पुन: यहां यह इतिहास दोहराया है और आज हाशिये पर खड़े लोगों को इसका सबसे अधिक दु:ख है। कमलनाथ जी के समय में जनहित के कार्य हो रहे थे, गुंडे मवाली उस समय गायब हो गए थे। आम आदमी चैन की सांस ले रहा था, लेकिन उनकी आवाज दबा दी गई। किसानों के 50 हजार तक के कर्ज कमलनाथ जी ने माफ करवा दिए थे और आगे भी एक लाख और दो लाख तक का कर्ज माफ करने वाले थे लेकिन इस गद्दार सिंधिया ने किसानों का कंठ घोट दिया और करोड़ों रुपये लेकर ऐसी सरकार बना दी। कईं बार लोग गरीब किसानों पर आरोप लगते हैं कि वह बिक जाते है लेकिन यहां तो खुद को महाराज और श्रीमंत कहने वाले सिंधिया भी करोड़ों में बिक गए और तानाशाह सरकार को आमजन के अधिकारों का हनन करने के लिए स्थापित कर दिया गया। हम सभी काँग्रेस कार्यकर्ता आज काले झंडे का कार्यक्रम समस्त जिले में शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे थे लेकिन पुलिस ने हमें पकड़कर पिपलिया मंडी थाने में बंद कर दिया है। लेकिन मैं शिवराज सिंह चौहान और सिंधिया को कहना चाहता हूं कि वह कितनी ही पुलिस आगे कर दें लेकिन काँग्रेस का जाबांज सिपाही रुकने वाला नहीं है।"
सिंधिया के जाने के बाद पुलिस ने कॉंग्रेसियों को पुनः मंदसौर गांधी चौराहे पर ले जाकर छोड़ दिया, सैकड़ों कांग्रेस जनों को अलग-अलग थानों में बंद रखा लेकिन तीन कांग्रेस कार्यकर्ता मनजीत सिंह मनी व दो अन्य साथियों को पुलिस ने जेल भेज दिया। जिससे आक्रोश फैल गया और श्यामलाल जोकचन्द्र के आह्वान पर मंदसौर सिटी कोतवाली थाने का घेराव तकरीबन साढ़े पांच बजे सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर किया गया।
जिसमें वरिष्ठ नेताओं सहित जिला कांग्रेस अध्यक्ष नवकृष्ण पाटिल, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री महेंद्र सिंह गुर्जर, जिला पिछड़ा वर्ग कांग्रेस अध्यक्ष दीपक सिंह गुर्जर, युवा कांग्रेस प्रदेश महामंत्री सोमिल नाहटा, मन्दसौर ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हनीफ शेख, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अशोक खींची, आइटी सेल प्रदेश सचिव राजेश भारती, एडवोकेट शैलेन्द्र जोशी, श्याम जाट, भूपेंद्र महावर, दिकपाल भाटी, लाला सोनी, तरुण खींची, शुभम कुमावत, मनोहर सोनी, सतीश पाटीदार, सुनील पाटीदार, झुंझार सिंह जी कामलिया सहित सैकड़ों कांग्रेस जनों ने मिलकर करीब 2 घंटे तक प्रदर्शन किया, जिसके चलते अंततः प्रशासन को झुकना पड़ा और शाम 7:30 बजे मनजीत सिंह मनी सहित दो अन्य कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा किया गया।