मध्य प्रदेश में प्रदेश कॉंग्रेस महामंत्री श्यामलाल जोकचंद ने आरोप लगाते हुए खाद घोटाले का बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि दो साल पूर्व जिले में हुए खाद घोटाले के मामले को दबाकर पर्दा डाल दिया गया लेकिन अभी तक किसान उसकी सजा भुगत रहे हैं। किसानों को खाद की जरूरत है लेकिन फिर भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है, वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
आरोप लगाते हुए श्यामलाल जोकचंद ने कहा कि खाद घोटालेबाज ने मंत्री से साँठ-गांठ कर करोड़ों रुपये रिश्वत के बांट दिए व घोटाले को दबा दिया था। घोटाले का केस तो बना दिया था लेकिन खाद अभी तक बरामद नहीं किया। मंदसौर के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने विधानसभा तक में मामला उठाया और सहकारिता मंत्री अरविन्द सिंह भदोरीया से पूछा कि मंदसौर खाद घोटाले में अभी तक क्या कार्यवाही हुई है? सहकारिता मंत्री का जवाब था कि इसमें प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है जिसको 3 महीने में रिपोर्ट देनी होगी। लेकिन दो साल हो गए, अभि तक न तो केंटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई न ही अन्य दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हुई।
श्यामलाल जोकचंद ने आगे बताया कि दो वर्ष पूर्व खाद घोटालेबाज ने वेयर हाउस से खाद उठा लिया व खाद सोसायटियों तक नहीं पहुंचाया, करीब 10 से 15 करोड़ का खाद घोटाला लेकिन साँठ-गांठ का पूरे मामले को दबा दिया। श्यामलाल जोकचंद जी ने कहा कि इस खाद मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी आवश्यक है ताकि दोषियों को जेल में डाला जा सके। जहां जिले में पहले से ही खाद संकट चल रहा है और करीब 100 केंद्र पर यूरिया उपलब्ध नहीं है लेकिन खाद घोटाले को दबाने के लिए कृषि विभाग ने कागजी रिकॉर्ड में करीब 6 हजार मैट्रिक टन यूरिया दर्शा रखा है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है।